राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच बसपा विधायकों के मामले में आज हाईकोर्ट में सुबह 10.30 बजे फिर सुनवाई होगी। कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से जवाब मांगा। बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर और खुद बसपा ने भी हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की है।
मांग: विधायकों के मर्जर मामले में स्पीकर के आदेश पर रोक लगे
दिलावर और बसपा ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के 30 जुलाई को जारी अंतरिम आदेश को डबल बेंच में चुनौती दी है। सिंगल बेंच ने स्पीकर की ओर से 18 सितंबर 2019 को विधायकों के मर्जर को लेकर जारी आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और सिर्फ पक्षकारों को नोटिस जारी किया था। अपील में कहा गया है कि 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र है। विधायकों के बाड़ेबंदी में होने से नोटिस की कार्यवाही पूरी नहीं हो पा रही। ऐसे में डबल बेंच स्पीकर के आदेश पर स्टे लगाए।
आपत्ति: डबल बेंच ने कहा- सिंगल बेंच से स्टे की अर्जी खारिज नहीं, हम क्यों सुनें?
दिलावर और बसपा की अपीलों पर सुनवाई के दौरान डबल बेंच ने कहा- इस मामले से जुड़ी पिटीशन में सिंगल बेंच ने स्टे एप्लीकेशन खारिज नहीं की है। ऐसे में डबल बेंच कैसे सुनवाई कर सकती है? इस पर बसपा के वकील दीपक कैन ने कहा- सिंगल बेंच में स्पीकर और विधानसभा सचिव को नोटिस तामील हो चुके, लेकिन बाड़ेबंदी में होने से 6 विधायकों को तामील नहीं हो पा रहे। अगर स्पीकर के आदेश पर कोर्ट स्टे नहीं लगाए तो बसपा विधायकों को नोटिस तामील करवा दिए जाएं।
सिंगल बेंच में 11 अगस्त को फिर बहस होगी
दिलावर और बसपा ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने और इसके लिए स्पीकर की मंजूरी के आदेश को सिंगल बेंच में भी चुनौती दे रखी है। इस पर 11 अगस्त को सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और बसपा के 6 विधायकों से जवाब मांगा था। बसपा ने अपील की है कि जब तक मामला कोर्ट में रहे तब तक 6 विधायकों को फ्लोर टेस्ट में किसी के पक्ष में वोट नहीं डालने दिया जाए।
900 करोड़ के घोटाले के केस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत
इस मामले में हाईकोर्ट ने एडीजे कोर्ट के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी। एडीजे कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को आदेश दिया था कि घोटाले में शेखावत पर लगे आरोपों की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) से जांच करवाई जाए।
संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के 900 करोड़ रुपए के घोटाले में शेखावत पर आरोप हैं कि सोसायटी की बड़ी रकम शेखावत और उनके परिवार की कंपनियों में ट्रांसफर की गई। गजेंद्र सिंह शेखावत और संजीवनी सोसायटी के फाउंडर विक्रम सिंह एक समय प्रॉपर्टी के बिजनेस में पार्टनर रहे थे। हालांकि, घोटाला सामने आने से काफी पहले ही दोनों अलग हो गए थे।
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