बिकरूके गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के ब्रह्मनगर में रहने वाले कारोबारी जयकांत उर्फ जय वाजपेयीको पुलिस ने रविवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। उस पर विकास को कारतूस सप्लाई करने की पुष्टि हुई है। इसके साथ मुठभेड़ में मारे गए बऊआमिश्रा के जीजा प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू को भी पकड़ाहै। दोनों के खिलाफएफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस जय को हिरासत में लेकर कई दिनों से पूछताछ कर रही थी।
पुलिस नेबतायाकि 3 जुलाई की रात बिकरुगांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम परविकास औरउसके साथियों ने फायरिंग की थी। इसमें 8 पुलिसवाले मारे गए थे।7 अन्य पुलिसवालेजख्मीहो गएथे।
जयकांत पर विकास की मदद करने का आरोप
इस घटनाक्रम को लेकर थाना चौबेपुर में एक केस दर्ज किया गया था। जांच में पाया कि जयकांत और उसकेसाथी प्रशांतने घटना से पहले विकास की मदद की थी। 1 जुलाई को विकास ने जयकांत को फोन करके कुछ रुपए के साथ कारतूस की मांग की थी।
2 जुलाई को गांव पहुंचकर जय ने विकास को 2 लाख रुपएनकद और 25 हजार रुपए के कारतूस दिए थे। घटना को अंजाम देने के बाद विकास और उसके साथियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए जय 3 लग्जरी गाड़ी लेकर भीजा रहा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते तीनों गाड़ियोंको थाना काकादेव इलाके में छोड़कर चला गया था। लंबी पूछताछऔर सबूतों के आधार पर पुलिस ने जयकांत और प्रशांत पर केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया।
मुठभेड़ के बाद काकदेव पुलिस ने बरामद की थी तीन अज्ञात गाड़ियां
घटना के बाद कानपुर में पुलिस को सड़क पर तीन अज्ञात गाड़ियां खड़ी होने की जानकारी मिली थी। जांच करते हुए काकदेव पुलिस जयकांत तक पहुंच गई। घटना के एक दिन बाद से ही जयकांत पुलिस की हिरासत में था। पुलिस पहले ही दिन से जयकांत को विकास का खजांची होने का दावा कर रही थी।
बेनामी खातों की तलाश शुरू
विदेशों में संपत्ति कीजांच कर रही टीम को इस बात का अंदेशा है कि यह सौदा बेनामी खातों और हवाला नेटवर्क के जरिए किया गया है। आयकर टीम उन खातों और हवाला रैकेट तक पहुंचने की कोशिश करेगी। छानबीन में छोटा-सा सुराग हाथ लगते ही फेमा के तहत कारवाई की तैयारी भी की जा रही है। विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि विदेशों में यदि संपत्ति खरीदी गई तो पैसे कैसे ट्रांसफर किए गए।अभी तक जय के बैंक खातों से इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पैसे विदेशों में भेजे गए हों। अधिकारियों को आशंका है कि विदेशों में पैसा खपाने के लिए हवाला रैकेट का इस्तेमाल किया गया।
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