नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओलीने आरोप लगाया है कि भारत उनकी सरकार गिराना चाहता है। ओली के मुताबिक, इसके लिए दिल्ली और काठमांडू में साजिश रची जा रही है। ओली के आरोप ऐसे वक्त सामने आए हैं, जब सत्ता पर काबिज अलायंस में उनके चीन प्रेम की कड़ी आलोचना हो रही है। विरोधियों के ओली पर दो आरोप हैं। पहला- सरकार ने नेपाल की जमीन का बड़ा हिस्सा चीन को सौंप दिया। दूसरा- कोविड-19 से निपटने में सरकार नाकाम रही।
नाकामी छिपाने की कोशिश
नेपाल के अखबार ‘द हिमालय टाइम्स’ के मुताबिक- ओली का अलायंस में जबरदस्त विरोध हो रहा है। वे अब आलोचकों को सुनने और शांत करने के बजायवो पहले की तरह इंडिया कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। यह कुर्सी बचाने की कोशिश है। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक- ओली ने कहा है कि भारत उनकी सरकार गिराने की साजिश रच रहा है। ऐसा इसलिए है कि उन्होंने लिम्पियाधूरा, लिपूलेख और कालापानी को संविधान संशोधन के जरिए नेपाल के नक्शे में शामिल किया।
ओली ने आखिर कहा क्या था?
रविवार को एक प्रोग्राम के दौरान ओली ने कहा, “भारतीय मीडिया में आपने सुना होगा कि मैं अगले एक या दो हफ्ते में पद से हटा दिया जाऊंगा। इस बारे में वहां काफी बातें की जा रही हैं। भारत सरकार की मशीनरी भी एक्टिव है।” ओली ने कहा- 2016 में मैंने चीन के साथ व्यापार समझौता किया था। इसके बाद मुझे सत्ता से हटा दिया गया था,लेकिनइस बार ऐसा नहीं होगा।
उनके ही सांसद ने आरोप खारिज किए
खास बात ये है कि ओली के आरोपों को चंद मिनट बाद ही उन्हें एक और झटका लगा। उनकी ही पार्टी की सांसद राम कुमारी झनकारी ने कहा- प्रधानमंत्री भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। वो सिर्फ अपनी नाकामियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं। ओली को चीन का कट्टर समर्थक माना जाता है। पार्टी के दूसरे धड़े के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड उनका कई मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं। पिछले बुधवार से शनिवार तक पार्टी की मीटिंग चली। इसमें प्रधानमंत्री सिर्फ एक दिन शामिल हुए।
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