Email subscription

header ads

1 जुलाई से राज्य के लोग कर सकेंगे बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन, कोरोना की वजह से पुजारी और समितियां अभी यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं

नेशनल अनलॉक की प्रक्रिया में 1 जुलाई से उत्तराखंड के चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री मंदिरराज्य के आम दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएंगे। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानमप्रबंधन बोर्ड ने 29 जून को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मंदिर समितियां और पुजारी अभी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं।

इस संबंध में हमने बद्रीनाथ के रावल ईश्वरप्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल, केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित विनोद प्रसाद शुक्ला, गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, यमनोत्री मंदिर समिति सचिव कृतेश्वर उनियाल से बात की है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधाम दर्शन के लिए आने वाले लोगों को बोर्ड की वेबसाइट https://ift.tt/31RZQAk पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही मंदिरों में दर्शन करने की अनुमति मिलेगी। भक्तों को अपने साथ ई-पास और फोटो आईडी अनिवार्य रूप से रखना होगा। इनके आधार पर जिला पुलिस धाम क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देगी।

अन्य राज्य के लोगों को, क्वारैंटाइन किए गए, कंटेंमेंट और बफर झोन से आने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यहां आने वाले भक्तों को मंदिर क्षेत्र में रुकने के लिए एक दिन की अनुमति मिलेगी। विशेष परिस्थितियों में ये समय बढ़ भी सकता है। इन मंदिरों के आसपास स्थित धर्मशालाएं, होटल्स, रेस्टोरेंट, ढाबे, गेस्ट हाउस से संबंधित लोगों के लिए मरम्मत आदि कार्य करने की अनुमति रहेगी।

श्रद्धालुओं के लिए जरूरी है नियमों का पालन करना

चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। 65 साल से अधिक उम्र वाले लोग और 10 साल से छोटे बच्चों को दर्शन करने की अनुमति नहीं मिलेगी। जिन लोगों में महामारी से संबंधित कोई भी लक्षण होंगे, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। भगवान को प्रसाद, हार-फूल चढ़ाना वर्जित रहेगा। दूर से ही भगवान के दर्शन कराना होंगे।

मंदिर के पुजारी और समितियां दर्शन यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं

उत्तराखंड सरकार 1 जुलाई से इन मंदिरों में दर्शन व्यवस्था शुरू कर रही है, लेकिन इन मंदिरों के पुजारी और समितियां कोरोना वायरस की वजह से अभी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं।

बद्रीनाथ के रावल ईश्वरप्रसाद नंबूदरी का कहना है कि अभी देशभर में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति में यात्रा करना स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं है। बाहर के लोग यहां आएंगे तो इस क्षेत्र में महामारी फैल सकती है। अभी भगवान भी यही चाहते हैं कि सभी भक्त अपने-अपने घर पर ही रहें और घर में ही पूजा-पाठ करें। इसी में सभी का हित है। जब तक महामारी का प्रकोप कम न हो जाए, तब तक सभी को सावधानी रखनी चाहिए। बद्रीनाथ क्षेत्र के लोग भी यही चाहते हैं कि अभी दर्शन शुरू नहीं होना चाहिए।

बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने बताया कि अभी यहां उच्च स्तर की स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं है। अभी क्षेत्र में सुविधाओं का अभाव है। शासन को भक्तों के लिए यहां रहने, खाने और ठहरने की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।

केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित विनोद प्रसाद शुक्ला इस समय यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि केदारनाथ क्षेत्र में सभी होटल्स, धर्मशालाएं अभी बंद हैं। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को रहने-खाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बाहरी लोग यहां आएंगे तो यहां भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इसीलिए हम इस समय यात्रा शुरू करने का विरोध कर रहे हैं।

गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल के मुताबिक, हम अभी बाहरी लोगों के लिए दर्शन शुरू करना नहीं चाहते हैं। अगर इस क्षेत्र में महामारी बढ़ जाती है, यहां के लोगों के लिए परेशानियां काफी बढ़ जाएंगी।
यमनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्व उनियाल कहते हैं कि यमनोत्री क्षेत्र में सभी होटल्स, रेस्टोरेंट बंद हैं। महामारी को देखते हुए शासन को यहां जरूरी व्यवस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए। अभी यात्रा शुरू होती है तो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Badrinath dham, Kedarnath dham, gangotri dham, yamnotri dham, chardham yatra, uttarakhand chardham yatra 2020, chardham yatra start date


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ND8RXP

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ