कोरोना से जूझ रहे अमेरिका के एक दर्जन से ज्यादा शहरों में स्कूली किशोर और युवा बुजुर्गों का ध्यान रख रहे हैं। उनके लिए जरूरी किराना सामान और दवाइयां पहुंचा रहे हैं। यही नहीं उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स निकलवाने से लेकर डॉक्टर्स से सलाह लेने का काम भी कर रहे हैं। इस पहल की शुरुआत लॉस एंजेलिस से हुई।
दरअसल कोरोना के कारण इन दिनों स्कूल बंद हैं, पढ़ाई ऑनलाइन ही हो रही है। ऐसे मेंउनके पास समय भी बच जाता है। मीडिया में आए दिन बुजुर्गों को हो रही परेशानियों को लेकर खबरें आती रहती हैं। इसी से इन किशोरों को यह विचार आया कि देशभर में कितने ही बुजुर्ग इस दौर में परेशान हो रहे होंगे, इसलिए इनकी मदद करनी चाहिए।
इस पहल से 13 शहरों के 40 से ज्यादा युवा जुड़ चुके
अभियान का नाम जूमर्स टू बूमर्स रखा गया। इस पहल से 13 शहरों के 40 से ज्यादा युवा जुड़ चुके हैं। इसके तहत अकेले रह रहे बुजुर्गों से क्षेत्र के वॉलेंटियर्स सामान और दवाइयों की लिस्ट ले लेते हैं। करीबी स्टोर से खरीदकर उन्हें सौंप देते हैं। क्योंकि बड़ी संख्या में बुजुर्गों की ऑनलाइन पहुंच नहीं है। इसलिए वे स्टोर्स से सामान नहीं मंगा सकते। उनके लिए इस माहौल में निकलना भी ठीक नहीं है।
क्वोन ने कहा- मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को मिला
16 साल की मीरा क्वोन बताती हैं कि उन्हें सुपर मार्केट से पहली बार वास्ता पड़ा। इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। क्वोन के मुताबिक, उनकी टीम ने कई ऐसे स्टोर्स को ढूंढा जो उनके साथ जुड़कर बजुर्गों की मदद करने के लिए तैयार हुए। उनकी टीम के बाकी साथी बताते हैं कि इस काम से उन्हें संतुष्टि तो मिली ही, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ गया है।
वाओं ने कहा- कोरोना खत्म करने के बाद भी मदद देना जारी रखेंगे
17 साल के वॉलेंटियर बेट्सी बेस बताती हैं कि यह अनुभव आंखे खोलने वाला है, क्लास में बैठकर कभी भी यह चीज नहीं सीख सकते थे। बेट्सी कहती हैं कि ऐसे बुजुर्गों को ढूंढना बड़ी चुनौती थी, जिन्हें जरूरत है, पर उनकी पहुंच कम्प्यूटर और सोशल मीडिया तक नहीं है। इसके लिए काउंसिल, चर्च और अखबारों की मदद ली। हमारी टीम कोरोना खत्म होने के बाद भी यह पहल जारी रखेगी।
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